Health Insurance Pre Existing Conditions
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स्वास्थ्य बीमा खरीदने से पहले इन महत्वपूर्ण बातों को जानें | Health Insurance Pre Existing Conditions पर पूरी जानकारी

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Health Insurance Pre Existing Conditions: स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) एक ऐसी सुरक्षा है जो हमें अनिश्चित परिस्थितियों में आर्थिक सहायता प्रदान करती है। लेकिन कई बार, हम इसे ठीक से समझे बिना ही खरीद लेते हैं। लोग सोचते हैं कि 10 लाख की पॉलिसी लेने के बाद अस्पताल का बिल आसानी से कवर हो जाएगा। लेकिन, यह गलतफहमी बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। मेरा उद्देश्य इस लेख के माध्यम से आपकी सारी शंकाओं को दूर करना और स्वास्थ्य बीमा से जुड़े तथ्यों को सरल भाषा में समझाना है।

भारत में, आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि हर साल 70% मेडिकल खर्च लोग अपनी जेब से भरते हैं। बीमा कंपनियां केवल 30% हिस्सा कवर करती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? इसका बड़ा कारण है “health insurance pre existing conditions”, यानी पॉलिसी लेने से पहले मौजूद बीमारियां। बीमा कंपनियां इन्हीं स्थितियों को आधार बनाकर क्लेम को रिजेक्ट कर सकती हैं।

इस लेख में मैं आपको न केवल सही पॉलिसी चुनने की प्रक्रिया समझाऊंगा, बल्कि यह भी बताऊंगा कि कंपनियां किन तरीकों से ग्राहकों को धोखा देती हैं। साथ ही, जो लोग पहले से बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए सही बीमा चुनने में आने वाली दिक्कतों को भी विस्तार से समझाऊंगा। चलिए शुरुआत करते हैं!

Contents

What Are Pre-existing Conditions in Health Insurance?

हेल्थ इंश्योरेंस में “health insurance pre existing conditions” का मतलब ऐसी बीमारियाँ या स्वास्थ्य स्थितियाँ हैं, जो पॉलिसी खरीदने से पहले मौजूद थीं। इनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियाँ, अस्थमा, या कोई गंभीर सर्जरी शामिल हो सकती है। बीमा कंपनियाँ इन स्थितियों को समझने के लिए मेडिकल इतिहास और डॉक्टरी रिपोर्ट का उपयोग करती हैं।

Key Points to Understand:

  • Definition: पॉलिसी खरीदने से पहले की बीमारियाँ।
  • Waiting Period: कई पॉलिसियों में 2 से 4 साल का वेटिंग पीरियड होता है।
  • Claim Rejection: गलत जानकारी देने पर क्लेम अस्वीकार किया जा सकता है।
  • Premium Impact: प्रीमियम की राशि बढ़ सकती है।
Pre-existing ConditionsWaiting PeriodClaim Eligibility
डायबिटीज2-4 सालसही जानकारी देने पर
हाई ब्लड प्रेशर2-3 सालपॉलिसी नियम अनुसार
अस्थमा2-4 सालमेडिकल चेकअप जरूरी
Hidden Conditions of Health Insurance
Hidden Conditions of Health Insurance

Why Do Pre-existing Conditions Matter?

health insurance pre existing conditions” का ध्यान रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह पॉलिसी के क्लेम और बेनिफिट्स को सीधे प्रभावित करता है।

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Example:

मान लीजिए, आपने एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली है, लेकिन अपने हाई ब्लड प्रेशर की जानकारी नहीं दी। क्लेम के समय, अगर यह बात सामने आती है, तो आपका क्लेम रद्द हो सकता है।

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इसलिए:

  1. सटीक जानकारी दें।
  2. पॉलिसी के नियमों को ध्यान से पढ़ें।
  3. वेटिंग पीरियड को समझें।

Table: स्वास्थ्य बीमा के मुख्य बिंदु और जानकारियां

बिंदुजानकारी
स्वास्थ्य बीमा क्या है?यह एक योजना है जो अस्पताल में भर्ती, सर्जरी और चिकित्सा खर्च को कवर करती है।
मुख्य शब्द: “Pre Existing Conditions”पहले से मौजूद बीमारियां जो पॉलिसी लेते समय बताई जाती हैं।
महत्वपूर्ण फीचर: No Claim Bonusबिना क्लेम किए हर साल बीमा राशि में वृद्धि का लाभ।
क्या सावधानियां बरतें?पॉलिसी के नियम, कवर की सीमाएं, और आयुष अस्पताल के प्रावधानों को ध्यान से पढ़ें।
आम समस्याएंपॉलिसी रिन्यूअल से इनकार, क्लेम रिजेक्शन, गलत जानकारी देना।

Hidden Conditions of Health Insurance
Why People Fail to Choose the Right Health Insurance?

1. Health Insurance को सही तरीके से न समझना

लोग स्वास्थ्य बीमा को सतही रूप से समझते हैं। सोचते हैं कि 10 लाख की पॉलिसी का मतलब है कि 10 लाख का क्लेम मिल जाएगा। लेकिन असल में, हर पॉलिसी में कुछ नियम और शर्तें होती हैं। जैसे:

  • Room Rent Cap: यह पॉलिसी में तय करता है कि अस्पताल के कमरे के किराए पर कितना खर्च कवर होगा। अगर आपकी पॉलिसी में 1% रूम रेंट कैप है और बीमा राशि 5 लाख है, तो आप केवल ₹5,000 प्रति दिन का किराया क्लेम कर सकते हैं।
  • No Claim Bonus का सही उपयोग: अगर आपने कई साल तक क्लेम नहीं किया, तो बीमा राशि बढ़ती है। लेकिन, रूम रेंट कैप आधार बीमा राशि पर ही लागू होता है।

2. Pre Existing Conditions का सही ज्ञान न होना

“health insurance pre existing conditions” का मतलब है कि पॉलिसी लेने से पहले आपकी कोई बीमारी थी। कंपनियां इन परिस्थितियों को ध्यान में रखती हैं और इन्हें कवर करने से इनकार कर सकती हैं।

  • अगर आप बीमारियों की सही जानकारी नहीं देते, तो आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
  • हमेशा पॉलिसी के लिए आवेदन करते समय सही और पूरी जानकारी दें।

How Health Insurance Companies Deny Claims?

1. पॉलिसी रिन्यूअल से इनकार करना

कई बार कंपनियां बिना कारण बताए पॉलिसी रिन्यू करने से इनकार कर देती हैं। यह उन लोगों के लिए बड़ा झटका है जो सालों से प्रीमियम भरते आ रहे हैं।

  • क्या कंपनी ऐसा कर सकती है?
    कानूनी रूप से, अगर आपने सभी जानकारी सही दी है और किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं की है, तो कंपनी आपका रिन्यूअल मना नहीं कर सकती।
  • 60 साल के बाद पॉलिसी बंद होना: कुछ पॉलिसी में लिखा होता है कि वे केवल 60 साल तक चलेंगी। ऐसी पॉलिसी न लें। हमेशा यह सुनिश्चित करें कि पॉलिसी में उम्र की कोई सीमा न हो।

2. Health Insurance में धोखाधड़ी के तरीके

  • कई बार एजेंट आपको यह बताए बिना पॉलिसी बेच देते हैं कि आपकी बीमारी कवर नहीं है।
  • जब क्लेम का समय आता है, तो कंपनी इसे यह कहकर रिजेक्ट कर देती है कि आप इस पॉलिसी के लिए योग्य नहीं थे।
  • ऐसे मामलों में आप बीमा लोकपाल (Insurance Ombudsman) के पास शिकायत कर सकते हैं।
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Special Feature: आयुष उपचार (Ayush Treatments)

कुछ पॉलिसी आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा, और होम्योपैथी जैसे उपचार कवर करती हैं। लेकिन:

  • यह सुविधा केवल तभी मान्य है जब आप सरकारी मान्यता प्राप्त आयुष अस्पताल में 24 घंटे से ज्यादा भर्ती हों।
  • आयुष उपचार में अधिकतर OPD (Outpatient Department) प्रकृति के होते हैं, जो कवर नहीं होते।
    इसलिए, आयुष सुविधा को केवल बोनस फीचर मानें। इसे मुख्य कारण बनाकर पॉलिसी न खरीदें।

Understanding Multiple Policies

अगर आपके पास एक से अधिक बीमा पॉलिसी है, चाहे वह सरकारी योजना हो या प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस, तो क्या आप दोनों पॉलिसियों से क्लेम कर सकते हैं? इसका जवाब है “हां”। लेकिन इसका सही तरीका क्या है? आइए इसे विस्तार से समझें।

Step-by-Step Guide for Claiming Multiple Policies

चरणकैसे करें
पहला कदमएक पॉलिसी को कैशलेस क्लेम के लिए इस्तेमाल करें।
दूसरा कदमदूसरी पॉलिसी के लिए रिइम्बर्समेंट क्लेम करें।
महत्वपूर्णपहले अस्पताल का बिल भरें, फिर आवश्यक डॉक्यूमेंट के साथ क्लेम के लिए आवेदन करें।

उदाहरण के तौर पर, अगर आपके पास 10 लाख रुपये का मेडिकल बिल है और आपकी दोनों पॉलिसियों की कवरेज 5-5 लाख है, तो पहले एक पॉलिसी से कैशलेस क्लेम करें और बाकी के लिए दूसरी पॉलिसी में रिइम्बर्समेंट क्लेम दाखिल करें।

Health Insurance Plans for pre existing conditions
Health Insurance Plans for pre existing conditions

Why Avoid Cashless Claims in Some Scenarios?

Hidden Agreements Between Hospitals and Insurance Companies

कई बार बीमा कंपनियों और अस्पतालों के बीच ऐसे समझौते होते हैं जिनकी वजह से आपको पूरी रकम का क्लेम नहीं मिलता। मान लीजिए, आपकी पॉलिसी में किसी बीमारी पर कोई सब-लिमिट नहीं है और इलाज पर 2 लाख रुपये का खर्च आया। लेकिन बीमा कंपनी और अस्पताल के बीच हुए समझौते के अनुसार, अस्पताल को केवल 1.5 लाख रुपये मिलेंगे। ऐसे में अस्पताल या तो इलाज से मना कर सकता है या आपको 50,000 रुपये खुद से देने को कह सकता है।

समाधान:

अगर आप अस्पताल को सीधा भुगतान करते हैं और बाद में रिइम्बर्समेंट क्लेम करते हैं, तो आपको अपनी पॉलिसी के अनुसार पूरी राशि मिल सकती है। यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी जरूर है लेकिन फायदेमंद होती है।

Renewal Time: Things to Check

हर साल जब आप अपनी पॉलिसी का नवीनीकरण करते हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपकी पॉलिसी आपकी वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करती हो।

Key Points to Consider During Renewal:

  1. Cover बढ़ाने या घटाने का विकल्प:
    अगर आपकी जरूरतें बदली हैं, जैसे शादी के बाद परिवार का विस्तार, तो आप पॉलिसी में बदलाव कर सकते हैं।
  2. Terms and Conditions:
    बीमा कंपनियां समय-समय पर पॉलिसी की शर्तें बदलती हैं। इन शर्तों को पढ़ें और सुनिश्चित करें कि वे आपके लिए उपयुक्त हैं।
  3. Disclosure of New Conditions:
    अगर आपको कोई नई बीमारी हुई है, तो उसे पॉलिसी में शामिल करना जरूरी है। यह health insurance pre existing conditions की श्रेणी में आता है।
पॉइंटक्या ध्यान दें
बढ़ा हुआ कवर चाहिएRenewal के समय ही बदलाव करें।
नई बीमारियां शामिल करनासभी कंडीशंस का खुलासा करें।
नए नियम व शर्तेंIRDAI द्वारा अनुमोदित बदलाव ही मान्य होते हैं।

Porting Your Health Insurance

क्या आप अपने पुराने बीमा प्लान से संतुष्ट नहीं हैं? ऐसे में आप अपनी पॉलिसी को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट कर सकते हैं। लेकिन इसका भी एक सही तरीका होता है।

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Benefits of Porting:

  • Waiting Period:
    पुराने प्लान का वेटिंग पीरियड नए प्लान में ट्रांसफर हो जाता है। लेकिन अगर आप कवरेज बढ़ाते हैं, तो अतिरिक्त कवर पर वेटिंग पीरियड लागू होगा।
  • Customer Satisfaction:
    अगर आपकी मौजूदा कंपनी ने किसी क्लेम को अस्वीकार कर दिया है या उनकी सुविधाएं अच्छी नहीं हैं, तो पोर्टिंग आपके लिए एक बेहतर विकल्प है।

Challenges:

  • Top-Up Plans:
    टॉप-अप और सुपर टॉप-अप पॉलिसियां पोर्ट नहीं की जा सकतीं।
  • Underwriting:
    नई कंपनी आपकी फिटनेस और बीमारियों का मूल्यांकन करेगी।

NRI और अंतर्राष्ट्रीय कवरेज

अगर आप NRI हैं, तो क्या आपको भारत में स्वास्थ्य बीमा लेना चाहिए?
इसका जवाब है “हां,” खासकर अगर आप भारत आते-जाते रहते हैं या आपके परिवार के सदस्य यहां रहते हैं।

Global Coverage Plans:

आज कई ऐसी योजनाएं उपलब्ध हैं जो अंतर्राष्ट्रीय कवरेज देती हैं। इन योजनाओं का लाभ यह है कि आप विदेश में इलाज कराकर भी क्लेम कर सकते हैं।

Health Insurance Pre Existing Conditions: Final Thoughts

health insurance pre existing conditions एक ऐसा महत्वपूर्ण विषय है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

  1. बीमा लेते समय अपनी सभी पुरानी बीमारियों का खुलासा करें।
  2. अगर आप पॉलिसी पोर्ट कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी सभी शर्तें और सुविधाएं स्पष्ट हैं।
  3. सालाना नवीनीकरण के समय अपने कवर और शर्तों को जरूर जांचें।

Tips to Choose the Best Health Insurance

1. Filters का सही उपयोग करें

PolicyBazaar जैसी वेबसाइट्स पर उपलब्ध फिल्टर का उपयोग करें। इसमें आप अपनी प्राथमिकताएं सेट कर सकते हैं जैसे:

  • बीमा राशि (Sum Assured)
  • वेटिंग पीरियड
  • रूम रेंट कैप
  • बीमारी संबंधी सीमाएं (Disease Sublimitation)

2. सही सवाल पूछें

कॉल पर एजेंट से सीधे सवाल करें:

  • क्या पॉलिसी 60 साल के बाद भी जारी रहेगी?
  • क्या मेरी बीमारियां कवर होंगी?
  • क्या कोई छुपे हुए शुल्क हैं?

3. Deductible पॉलिसी चुनें

अगर आपकी बीमारियों की वजह से कोई कंपनी पॉलिसी देने से मना करती है, तो डिडक्टिबल पॉलिसी चुनें।

  • Aggregate Deductible: एक बार भुगतान करें और साल भर के लिए कवर पाएं।
  • Normal Deductible: हर बार अस्पताल के बिल पर भुगतान करें।
People Fail to Choose the Right Health Insurance
People Fail to Choose the Right Health Insurance

Conclusion

स्वास्थ्य बीमा लेने का मकसद आपको मानसिक शांति और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। लेकिन इसके लिए सही जानकारी और जागरूकता जरूरी है। अगर आपके पास अभी भी कोई सवाल है, तो उसे नजरअंदाज न करें और विशेषज्ञों से सलाह लें।

अगर यह लेख आपको उपयोगी लगा, तो इसे शेयर करें और अपने दोस्तों को भी इसके बारे में बताएं।

FAQs

1. Health Insurance Pre Existing Conditions का क्या मतलब है?
पॉलिसी लेने से पहले मौजूद बीमारियों को health insurance pre existing conditions कहते हैं। इन्हें पॉलिसी खरीदते समय कंपनी को बताना जरूरी होता है।

2. क्या कंपनियां पॉलिसी रिन्यूअल से इनकार कर सकती हैं?
नहीं, जब तक आपने सभी जानकारी सही दी है, कंपनी ऐसा नहीं कर सकती।

3. क्या 60 साल के बाद पॉलिसी बंद हो सकती है?
कुछ पॉलिसी में यह नियम हो सकता है। इसलिए खरीदने से पहले यह जानकारी जरूर लें।

4. आयुष उपचार कवर कब मिलता है?
यह तभी मिलता है जब आप सरकारी मान्यता प्राप्त अस्पताल में 24 घंटे से अधिक भर्ती हों।

5. Deductible पॉलिसी क्या है?
यह वह पॉलिसी है जिसमें आप कुछ राशि खुद भुगतान करते हैं, और शेष बिल बीमा कंपनी कवर करती है।

6. Health Insurance pre existing conditions no Waiting Period?
स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में पहले से मौजूद बीमारियों के लिए आमतौर पर एक वेटिंग पीरियड होता है, जो 2 से 4 साल तक हो सकता है। हालांकि, कुछ योजनाएं ऐसी भी होती हैं जिनमें पहले से मौजूद बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड को माफ या कम किया जाता है। ऐसे योजनाओं का चयन करने पर प्रीमियम थोड़ा अधिक हो सकता है।

7. Health Insurance Plans for pre existing conditions?
जी हां, स्वास्थ्य बीमा योजनाएं पुरानी बीमारियों (pre-existing conditions) के लिए भी होती हैं, लेकिन इनके लिए आमतौर पर एक वेटिंग पीरियड निर्धारित किया जाता है। इस वेटिंग पीरियड के दौरान, यदि आप किसी पुरानी बीमारी से संबंधित इलाज करवाते हैं, तो बीमा कंपनी उसकी कवरेज नहीं देती है। यह वेटिंग पीरियड आमतौर पर 2 से 4 साल तक हो सकता है, हालांकि कुछ योजनाओं में इसे कम किया जा सकता है या पूरी तरह से माफ किया जा सकता है, लेकिन ऐसे योजनाओं का प्रीमियम ज्यादा हो सकता है।

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