Health Insurance Claim Rejection: क्यों बढ़ रही हैं समस्याएं और कैसे बचें?
Health Insurance Claim Rejection: Health Insurance का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा के दौरान आने वाले खर्चों को कम करना है, लेकिन जब Claim Rejection जैसी समस्याएं सामने आती हैं, तो यह Policyholders के लिए परेशानी का कारण बनती हैं। हाल ही में IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि 2023-24 में Health Insurance Companies ने ₹26,000 करोड़ की Claims को खारिज किया। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 19.10% अधिक है।
यह लेख Health Insurance Claim Rejection के विभिन्न पहलुओं, कारणों और इससे बचने के उपायों पर केंद्रित है। इस लेख में Health Insurance, Claim Settlement Ratio, और Incurred Claim Ratio जैसे विषयों को विस्तार से समझाया गया है।
Contents
- 1 Health Insurance क्या है?
- 2 Health Insurance क्यों आवश्यक है?
- 3 Health Insurance Claim Rejection के कुछ कारण
- 4 IRDAI की रिपोर्ट से मिले महत्वपूर्ण आंकड़े IRDAI Report
- 5 Health Insurance Claim Settlement Ratio
- 6 Health Insurance Premium क्यों रहेगा उच्च?
- 7 Claim Settlement Ratio और Incurred Claim Ratio का अंतर
- 8 Rejection और Repudiation में अंतर
- 9 Health Insurance Rejection के मुख्य कारण
- 9.1 1. पॉलिसी का समय पर नवीनीकरण न करना
- 9.2 2. गलत जानकारी प्रदान करना
- 9.3 3. प्रतीक्षा अवधि में दावा करना
- 9.4 4. पहले से मौजूद बीमारियों को छिपाना
- 9.5 5. दावा दाखिल करने में देरी
- 9.6 6. दस्तावेज़ों की कमी
- 9.7 7. बीमित राशि का समाप्त होना
- 9.8 8. कवरेज से बाहर की स्थिति
- 9.9 9. गलत जानकारी या धोखाधड़ी
- 9.10 10. पूर्व-अनुमोदन की आवश्यकता
- 10 कैसे बचें Claim Rejection से?
- 11 Claim Rejection को रोकने के उपाय
- 12 IRDAI द्वारा दिए गए सुझाव
- 13 2023-24 की कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें
- 14 भारत में Insurance Penetration की स्थिति
- 15 Policy चुनने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- 16 हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज और प्रीमियम का महत्व
- 17 भारत में बीमा पहुंच
- 18 प्रीमियम में कटौती की आवश्यकता
- 19 निष्कर्ष
- 20 FAQs
Health Insurance क्या है?
Health Insurance एक ऐसा समझौता है जो बीमाकर्ता (insurer) और बीमित व्यक्ति (insured) के बीच होता है। इसमें बीमाकर्ता चिकित्सा खर्चों का वहन करता है, और इसके बदले बीमित व्यक्ति को प्रीमियम चुकाना होता है। यदि मेरे पास INR 5 लाख का Health Insurance है और अस्पताल का खर्चा INR 4.5 लाख है, तो बीमा कंपनी इस राशि का बड़ा हिस्सा कवर करेगी। लेकिन अगर खर्चा तय राशि से अधिक हो जाता है, तो अतिरिक्त खर्च मुझे वहन करना होगा।
इसका उद्देश्य चिकित्सा आपातकाल के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। Health Insurance की कई प्रकार की योजनाएँ होती हैं, जैसे Individual Health Insurance, Family Floater, Senior Citizen Plans, और Critical Illness Policies।
Health Insurance क्यों आवश्यक है?
आज के समय में चिकित्सा सेवाओं की बढ़ती लागत के कारण Health Insurance लेना अनिवार्य हो गया है। यह केवल अस्पताल के बिल भरने तक सीमित नहीं है; बल्कि इसमें प्री-हॉस्पिटलाइज़ेशन, पोस्ट-हॉस्पिटलाइज़ेशन, डे-केयर ट्रीटमेंट, और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल जैसे कई लाभ शामिल हैं। इसके अलावा, प्रीमियम पर कर छूट (tax rebate) भी मिलती है।
Health Insurance Claim Rejection के कुछ कारण
Health Insurance Claim Rejection के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण कारण नीचे दिए गए हैं:
- Policy Terms and Conditions का पालन न करना: Policyholders कई बार समय पर Claim Intimation नहीं करते या Documentation में त्रुटि करते हैं।
- Pre-existing Conditions: पहले से मौजूद बीमारियों को सही तरीके से Declare न करना।
- Exclusions: Policies में कुछ Medical Conditions और Treatments को कवर नहीं किया जाता।
IRDAI की रिपोर्ट से मिले महत्वपूर्ण आंकड़े IRDAI Report
IRDAI की 2023-24 की रिपोर्ट ने कई अहम जानकारियां दीं:
- Health Insurance Companies ने ₹83,493 करोड़ की Claims का भुगतान किया।
- Public Sector Insurers का Claim Ratio 103.38% रहा, जबकि Private Insurers का 88.71%।
- Standalone Health Insurers का Claim Ratio केवल 64.71% था।
Latest आंकड़ों की मानें तो 11% हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम्स रिजेक्ट, प्रीमियम उच्च रहने की संभावना: आईआरडीएआई रिपोर्ट
भारत में Health Insurance Rejection 2023-24 में 11% रही, जबकि 6% दावे मार्च 2024 तक लंबित थे। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम 2024 में भी उच्च स्तर पर बने रहने की संभावना है। पर Experts की मानें तो ये आंकड़ा और भी ज्यादा अधिक होगा।
Health Insurance Claim Settlement Ratio
आईआरडीएआई की रिपोर्ट के अनुसार, बीमा कंपनियों ने 2023-24 में कुल पंजीकृत दावों में से 83% का निपटान किया। जबकि 11% दावे अस्वीकृत कर दिए गए और 6% दावे अभी भी लंबित थे। यह डेटा समूह और व्यक्तिगत दावों का संयोजन है। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, समूह बीमा दावों में अस्वीकृति दर लगभग शून्य होती है।
Health Insurance Premium क्यों रहेगा उच्च?
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में वास्तविक रूप से 3% की वृद्धि होने की संभावना है। इसका मुख्य कारण है कि मजदूरी और स्वास्थ्य सेवा की लागत सीपीआई (CPI) मुद्रास्फीति से अधिक बढ़ रही है। उच्च जीएसटी दर (18%) भी प्रीमियम महंगे होने का एक प्रमुख कारण है।

Claim Settlement Ratio और Incurred Claim Ratio का अंतर
Policyholders के लिए Claim Settlement Ratio और Incurred Claim Ratio को समझना बेहद ज़रूरी है।
- Claim Settlement Ratio: यह उस Percentage को दिखाता है, जिसमें Insurance Company ने Claims को सफलतापूर्वक निपटाया।
उदाहरण: अगर 100 Claims में से 92 Settled हुए, तो Ratio 92% है। - Incurred Claim Ratio: यह Total Premium के मुकाबले Claim Amount को दर्शाता है।
उदाहरण: अगर ₹100 Premium में ₹90 का Claim किया गया, तो Ratio 90% होगा।
Rejection और Repudiation में अंतर
Health Insurance में Claim को खारिज करने के दो प्रमुख तरीके हैं:
- Rejection: जब Documentation या Terms में गलती हो, तो Insurance Company Claim को Reject कर देती है।
- Repudiation: जब Claim Policy के Terms और Conditions को पूरा नहीं करता, तो इसे Deny कर दिया जाता है।
Health Insurance Rejection के मुख्य कारण
मुझे कई बार यह सुनने को मिलता है कि “बीमा का दावा खारिज हो गया,” और इससे लोग Health Insurance को बेकार मानने लगते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि दावा खारिज होने के पीछे कुछ विशेष कारण होते हैं।
1. पॉलिसी का समय पर नवीनीकरण न करना
अगर मैंने अपनी पॉलिसी समय पर नवीनीकरण नहीं की है और इसकी अवधि समाप्त हो गई है, तो बीमा कंपनी किसी भी चिकित्सा खर्च को कवर नहीं करेगी। प्रत्येक पॉलिसी की एक निश्चित वैधता अवधि होती है। इसे नवीनीकरण के लिए तय तारीख से पहले प्रीमियम का भुगतान करना आवश्यक है।
2. गलत जानकारी प्रदान करना
दावा फॉर्म में किसी भी प्रकार की गलत जानकारी देना, जैसे नाम, उम्र, पॉलिसी नंबर, या बीमारी का विवरण, दावा खारिज होने का मुख्य कारण बन सकता है।
3. प्रतीक्षा अवधि में दावा करना
Health Insurance में प्रतीक्षा अवधि (waiting period) का प्रावधान होता है, जो पॉलिसी के लागू होने के बाद कुछ समय तक कवरेज प्रदान नहीं करता। अगर मैंने इस अवधि में दावा किया, तो यह खारिज हो सकता है।
4. पहले से मौजूद बीमारियों को छिपाना
अगर मैंने अपनी Health Insurance लेते समय पहले से मौजूद बीमारियों जैसे मधुमेह, हृदय रोग, या उच्च रक्तचाप की जानकारी नहीं दी, तो यह मेरे दावे के खारिज होने का कारण बन सकता है। बीमा कंपनियाँ जोखिम का आकलन करने के लिए स्वास्थ्य प्रोफ़ाइल की जानकारी लेती हैं।
5. दावा दाखिल करने में देरी
अधिकांश बीमा कंपनियों के पास दावा दाखिल करने के लिए एक समय सीमा होती है। अगर मैंने इस समय सीमा के बाद दावा किया, तो इसे अस्वीकार किया जा सकता है।
6. दस्तावेज़ों की कमी
बीमा कंपनियाँ दावा की प्रामाणिकता की पुष्टि करने के लिए कुछ दस्तावेज़ मांगती हैं। यदि कोई आवश्यक दस्तावेज़ गायब है, तो दावा खारिज हो सकता है।
7. बीमित राशि का समाप्त होना
अगर मेरी पॉलिसी की बीमित राशि पहले के दावों में समाप्त हो चुकी है, तो मैं नए दावे के लिए पात्र नहीं रहूँगा।
8. कवरेज से बाहर की स्थिति
अगर मैंने जिस चिकित्सा प्रक्रिया के लिए दावा किया है, वह मेरी पॉलिसी के अंतर्गत नहीं आती, तो बीमा कंपनी इसे कवर नहीं करेगी।
9. गलत जानकारी या धोखाधड़ी
अगर बीमा कंपनी को संदेह होता है कि मैंने गलत जानकारी दी है, तो दावा खारिज किया जा सकता है।
10. पूर्व-अनुमोदन की आवश्यकता
कुछ उपचारों के लिए बीमा कंपनी से पहले अनुमोदन लेना ज़रूरी होता है। अगर मैंने ऐसा नहीं किया, तो दावा खारिज हो सकता है।
कैसे बचें Claim Rejection से?
Policyholders कुछ उपायों को अपनाकर Claim Rejection से बच सकते हैं:
- Policy को सही तरीके से पढ़ें: Policy के सभी Terms और Conditions को ध्यान से समझें।
- Time पर Intimation: Claim Intimation में देरी न करें।
- सही Documentation: Claim के लिए सभी Documents सही और Complete जमा करें।
- Pre-existing Conditions Declare करें: Medical History को पूरी ईमानदारी से Insurance Company को बताएं।
- Network Hospitals का उपयोग करें: Cashless Treatment के लिए Network Hospitals में इलाज कराएं।
Claim Rejection को रोकने के उपाय
Claim Rejection को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- पॉलिसी का समय पर नवीनीकरण: मुझे समय पर पॉलिसी नवीनीकरण सुनिश्चित करना चाहिए। बीमा कंपनियाँ आमतौर पर पॉलिसी समाप्ति से 15 दिन पहले याद दिलाती हैं।
- सही जानकारी प्रदान करें: बीमा खरीदते समय मेरी सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारियाँ सटीक होनी चाहिए।
- प्रत्येक दस्तावेज़ की जाँच करें: दावा फॉर्म भरते समय दस्तावेज़ों की पूरी जाँच करें और सुनिश्चित करें कि कुछ भी अधूरा न हो।
- बीमा कंपनी को सूचित करें: आपातकालीन अस्पताल में भर्ती होने पर 24-48 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करें।
- पॉलिसी की शर्तें पढ़ें: मुझे अपनी पॉलिसी के सभी नियम और शर्तें अच्छी तरह समझनी चाहिए।
IRDAI द्वारा दिए गए सुझाव
IRDAI ने Insurance Companies को सलाह दी है कि वे Genuine Claims को खारिज न करें, खासकर जब Policyholders के पास Policy Conditions को पूरा करने में Practical Reasons हों।
2023-24 की कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें
- Total Claims में से 66.16% Claims Cashless Mode के जरिए Settled हुए।
- Average Claim Amount ₹31,086 था।
- Public Sector Insurers ने 35.03% Market Share में योगदान दिया।
भारत में Insurance Penetration की स्थिति
2023-24 में Insurance Penetration 3.7% पर थी, जो पिछले वर्ष 4% थी।
- Life Insurance Penetration: 2.8%
- Non-life Insurance Penetration: 1%
Policy चुनने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- Claim Settlement Record देखें: Insurance Company के Past Records को Evaluate करें।
- Premium vs Coverage: Premium के अनुसार Coverage की तुलना करें।
- Customer Reviews: Existing Customers के Reviews को समझें।
- Add-ons: ज़रूरत के अनुसार Add-ons चुनें।
हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज और प्रीमियम का महत्व
भारत में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति जागरूकता अभी भी कम है। कुल बीमा कवरेज में से केवल 10% व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। शेष 90% में 45% सरकारी योजनाओं और 45% समूह बीमा में आते हैं।
श्रेणी | विवरण |
---|---|
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम | 2023-24 में 20.32% की वृद्धि |
औसत दावा राशि | ₹31,000 प्रति दावा |
बीमा निपटान अनुपात | 83% (2023-24) |
अस्वीकृति दर | 11% |
लंबित दावे | 6% |

भारत में बीमा पहुंच
2023-24 में भारत में बीमा पैठ 3.7% रही, जो कि 2021-22 के 4.2% के मुकाबले कम है। वैश्विक औसत 7% के मुकाबले यह काफी कम है। विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च जीएसटी और प्रीमियम दरें भारत में कम कवरेज का मुख्य कारण हैं।
प्रीमियम में कटौती की आवश्यकता
अगर हम अधिक भारतीयों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाना चाहते हैं, तो प्रीमियम दरों को कम करना और जीएसटी को घटाना आवश्यक है।
निष्कर्ष
Health Insurance लेना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे सही तरीके से बनाए रखना और समय पर जानकारी देना भी उतना ही आवश्यक है। मेरा मानना है कि अगर मैंने ऊपर बताए गए सभी सुझावों का पालन किया, तो मैं Claim Rejection की समस्या से बच सकता हूँ। Health Insurance Rejection को रोकने के लिए जागरूकता और सही कदम उठाना बेहद ज़रूरी है।
FAQs
Q1: Health Insurance Claim Rejection के मुख्य कारण क्या हैं?
Policy Terms का पालन न करना, Documentation में त्रुटि, और Exclusions।
Q2: Claim Settlement Ratio क्या दर्शाता है?
यह बताता है कि Company कितने Claims को Successfully Settle करती है।
Q3: Incurred Claim Ratio क्यों महत्वपूर्ण है?
यह दर्शाता है कि Premium के मुकाबले Company कितने Claims को Pay कर रही है।
Q4: Claim Rejection से कैसे बच सकते हैं?
Policy को ठीक से पढ़ें, सही समय पर Intimation करें और Documentation Complete रखें।
Q5: क्या Public Sector Insurers बेहतर हैं?
IRDAI के अनुसार, Public Sector Insurers का Claim Settlement Ratio बेहतर है।